नमस्कार दोस्तों
हेल्लो दोस्तों में आप लोगो के बीच फिर से
आज में आप लोगो को हमारे बीच में बने नए कलेक्टेड ऑफिस के बारे में बताना चाहूँगा जिसका सर्वे कल हमारी टीम ने किया और उसकी खासियत क्या हे और यह किस किस गुणवक्ता पर खरा उतरेगा
चलिए अब हम बात करते हे न्यू कलेक्टेड ऑफिस की जिसकी लागत मूल्य 20.20. करोड़ हे और यह पैसा हमारेद्वारा चुकाया गया हे| यह भवन एक भव्य भवन के रूप में बन कर तैयार हुआ हे जिसका अभी बड़े बड़े नेता जी और मंत्री जी और बड़े आला अधिकारी सभी देख चुके हे मगर इस सब ने यह तो देखा हे की हा न्यू ऑफिस बहार से तो बड़ा मजेदार हे मगर अन्दर से इसमें क्या कमिया रह गयी हे ,
चलिया कोई बात नहीं उन लोगो को कहा फुर्सत होती हे की वह यह सब ध्यान दे क्युकी यह पैसा इनके जेब से तो निकला नहीं हे न इस लिए उन लोगो को सिर्फ और सिर्फ अपने दफ्तर को देखना अच्छा लगता हे बाकि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं हे मेरे दोस्तों में आप को बता दूँ की यह ऑफिस जीतन बहार से दिखाई देता हे वैसा हे नहीं इसके इन्दर जैसे हमारी टीम पहुची तो आप चोक जायेंगे की क्या हुआ.
वहा पर जो बड़ा सा बरामदा हे जिससे से हम किसी अधिकारी के ऑफिस में जायेंगे
यहाँ पर आप जाये और आप सोचे की वहा जाकर आराम से बैठ कर काम निपटेंगे मगर आप यह गलत सोच में हे . कोई की वहा जाना तो ठीक हे मगर यहाँ पर आप को रहत नहीं मिलेगी यह आप की गलतफेमी वहा पर कोई ठण्डी हवा की कोई साधन उपलब्ध नहीं हे यहाँ जाकर अपना पसीना नहीं बहान हे तो आप वहा पर जो बहार पेड और पोधे हे उनके निचे बैठ जाइये तो ही ठीक होगा क्यूंकि कल एक विशाल संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम का आयोजन किया गया था , जिसमें हमारे शहर के प्रभारी मंत्री जय भानसिंह पवैया जी , हमारे विधायक पन्ना लाल शाक्य, हमारे नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सलूजा ,हमारे डी म राजेश जैन साहब हमारे प्रताप झा जी और भी बड़े बड़े आधिकारी और मंत्री गण यहाँ विराज मान थे और सभी धर्मं के धर्म गुरु यहा पर थे , हा मगर हमारी टीम के द्वारा देखा गया की इतने भव्य और विशाल ऑफिस में बरामदे में कोई हवा के कोई इंतजाम नहीं हे हा मगर वहा पर टेंट से कुछ पंखे मंगाए जरुर गए थे जो की सिर्फ अपने आस पास की दीवार को हवा दे रहे थे ऐशा लग रहा था जेसे की दीवार सुखाने के लिए मगाए गए हो उससे भव्य ऑफिस की खिल्ली उढ़ा राहे थे वो पंखे क्योंकि आप तो जानते ही हे की टेंट के पंखे हो या कोई सामान सभी मजे दार होते हे , जेसे की हमारे देश में एक कहावत हे
के भैया जी चीन का सामान हे चला तो लास्ट तक नहीं चला तो शाम तक , खेर यह तो एक मुहावरा हे| और आप को बता दे की हमारे प्रधान मंत्री जी ने जो सपना संजोया हे संकल्प से सिद्दी जिसका गुण गान करते सभी मंरती या अधिकारी मगर उनको यह भी नहीं पता की इस सपने का पूरा नाम क्या हे चलो हम बता देते हे
2022 के लक्ष्य के लिये पीएम मोदी ने दिया नया नारा
प्रधानमंत्री ने कहा है कि 1942 में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था जिसका सूत्र था ‘करेंगे या मरेंगे’। पीएम के अनुसार आज 2017 में 2022 के नये भारत के लिये संकल्प लेना है-
और अब हम आते हे दुसरे मुद्दे पर की जिस चीज का कल हमारे देश के लोगो के साथ अधिकारी ने संकल लिया हे क्या हमारे अधिकारी इस संकल्प को मानेंगे , क्या हमारे आधिकारी लोग रिश्वत लेना छोड़ देंगे ? नहीं
वह यह कर नहीं सकते न क्योंकि हम उनको यह करने में हेल्प नहीं करते हम खुद भी जाते हे और कहते हे बाबूजी देख लीजिये जो बनेगा वह सेवा हम कर देंगे और उधर से आवाज आती हे की इतना दो कम हो जायेगा और हम धीरे से जेब से निकला कर देते हे और मस्ती के साथ बहार आते हे जेसे की जंग जीत आये हो और हमारे जो बहार खड़े मित्र हे उनसे कहते हे काम केसे नहीं होगा हम जो गए थे , अब आप बताओ की क्या कोई जंग जीती हे या भारत का सोदा किया हे आप ने हम क्यों दे क्या ऐशा करना सही हे बिलकुल नहीं हे , पेसे मत दो कारण जानो और उससे लिखो और उसके ऊपर उस आधिकारी के सिग्नेचर करा लो आप कारण एकत्र करो एक दिन ऐशा आऐगा वो अधिकारी ही बोलेगा ला तेरी फ़ाइल् आज काम कर ही देते हे और सिग्नेचर नहीं होता और आप को बता दे
इस कार्यक्रम का आयोजन जन अभियान परिषद् गुना के सानिध्य में किया गया था ,
इसी बीच पुरुस्कार वितरण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमे बहुत से संगठन ने हिस्सा लिया और मंत्री जी के हाथ से सम्मान प्राप्त किये गए
और जानकारी के लिएहमारा फॉर्म जरुर भरे
और हमारे साईट को
हेल्लो दोस्तों में आप लोगो के बीच फिर से
आज में आप लोगो को हमारे बीच में बने नए कलेक्टेड ऑफिस के बारे में बताना चाहूँगा जिसका सर्वे कल हमारी टीम ने किया और उसकी खासियत क्या हे और यह किस किस गुणवक्ता पर खरा उतरेगा
चलिए अब हम बात करते हे न्यू कलेक्टेड ऑफिस की जिसकी लागत मूल्य 20.20. करोड़ हे और यह पैसा हमारेद्वारा चुकाया गया हे| यह भवन एक भव्य भवन के रूप में बन कर तैयार हुआ हे जिसका अभी बड़े बड़े नेता जी और मंत्री जी और बड़े आला अधिकारी सभी देख चुके हे मगर इस सब ने यह तो देखा हे की हा न्यू ऑफिस बहार से तो बड़ा मजेदार हे मगर अन्दर से इसमें क्या कमिया रह गयी हे ,
चलिया कोई बात नहीं उन लोगो को कहा फुर्सत होती हे की वह यह सब ध्यान दे क्युकी यह पैसा इनके जेब से तो निकला नहीं हे न इस लिए उन लोगो को सिर्फ और सिर्फ अपने दफ्तर को देखना अच्छा लगता हे बाकि उन्हें इससे कोई मतलब नहीं हे मेरे दोस्तों में आप को बता दूँ की यह ऑफिस जीतन बहार से दिखाई देता हे वैसा हे नहीं इसके इन्दर जैसे हमारी टीम पहुची तो आप चोक जायेंगे की क्या हुआ.
वहा पर जो बड़ा सा बरामदा हे जिससे से हम किसी अधिकारी के ऑफिस में जायेंगे
यहाँ पर आप जाये और आप सोचे की वहा जाकर आराम से बैठ कर काम निपटेंगे मगर आप यह गलत सोच में हे . कोई की वहा जाना तो ठीक हे मगर यहाँ पर आप को रहत नहीं मिलेगी यह आप की गलतफेमी वहा पर कोई ठण्डी हवा की कोई साधन उपलब्ध नहीं हे यहाँ जाकर अपना पसीना नहीं बहान हे तो आप वहा पर जो बहार पेड और पोधे हे उनके निचे बैठ जाइये तो ही ठीक होगा क्यूंकि कल एक विशाल संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम का आयोजन किया गया था , जिसमें हमारे शहर के प्रभारी मंत्री जय भानसिंह पवैया जी , हमारे विधायक पन्ना लाल शाक्य, हमारे नगर पालिका अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सलूजा ,हमारे डी म राजेश जैन साहब हमारे प्रताप झा जी और भी बड़े बड़े आधिकारी और मंत्री गण यहाँ विराज मान थे और सभी धर्मं के धर्म गुरु यहा पर थे , हा मगर हमारी टीम के द्वारा देखा गया की इतने भव्य और विशाल ऑफिस में बरामदे में कोई हवा के कोई इंतजाम नहीं हे हा मगर वहा पर टेंट से कुछ पंखे मंगाए जरुर गए थे जो की सिर्फ अपने आस पास की दीवार को हवा दे रहे थे ऐशा लग रहा था जेसे की दीवार सुखाने के लिए मगाए गए हो उससे भव्य ऑफिस की खिल्ली उढ़ा राहे थे वो पंखे क्योंकि आप तो जानते ही हे की टेंट के पंखे हो या कोई सामान सभी मजे दार होते हे , जेसे की हमारे देश में एक कहावत हे
के भैया जी चीन का सामान हे चला तो लास्ट तक नहीं चला तो शाम तक , खेर यह तो एक मुहावरा हे| और आप को बता दे की हमारे प्रधान मंत्री जी ने जो सपना संजोया हे संकल्प से सिद्दी जिसका गुण गान करते सभी मंरती या अधिकारी मगर उनको यह भी नहीं पता की इस सपने का पूरा नाम क्या हे चलो हम बता देते हे
2022 के लक्ष्य के लिये पीएम मोदी ने दिया नया नारा
प्रधानमंत्री ने कहा है कि 1942 में गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया था जिसका सूत्र था ‘करेंगे या मरेंगे’। पीएम के अनुसार आज 2017 में 2022 के नये भारत के लिये संकल्प लेना है-
- हम सभी मिलकर देश से भ्रष्टाचार दूर करेंगे और करके रहेंगे।
- हम सभी मिलकर गरीबों को उनका अधिकार दिलायेंगे और दिलाकर रहेंगे।
- हम सभी मिलकर नौजवानों को स्वरोजगार के और अवसर देंगे और देकर रहेंगे।
- हम सभी मिलकर देश से कुपोषण की समस्या को खत्म करेंगे और करके रहेंगे।
- हम सभी मिलकर महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकने वाली बेड़ियों को खत्म करेंगे और करके रहेंगे।
- हम सभी मिलकर देश से अशिक्षा खत्म करेंगे और करके रहेंगे
और अब हम आते हे दुसरे मुद्दे पर की जिस चीज का कल हमारे देश के लोगो के साथ अधिकारी ने संकल लिया हे क्या हमारे अधिकारी इस संकल्प को मानेंगे , क्या हमारे आधिकारी लोग रिश्वत लेना छोड़ देंगे ? नहीं
वह यह कर नहीं सकते न क्योंकि हम उनको यह करने में हेल्प नहीं करते हम खुद भी जाते हे और कहते हे बाबूजी देख लीजिये जो बनेगा वह सेवा हम कर देंगे और उधर से आवाज आती हे की इतना दो कम हो जायेगा और हम धीरे से जेब से निकला कर देते हे और मस्ती के साथ बहार आते हे जेसे की जंग जीत आये हो और हमारे जो बहार खड़े मित्र हे उनसे कहते हे काम केसे नहीं होगा हम जो गए थे , अब आप बताओ की क्या कोई जंग जीती हे या भारत का सोदा किया हे आप ने हम क्यों दे क्या ऐशा करना सही हे बिलकुल नहीं हे , पेसे मत दो कारण जानो और उससे लिखो और उसके ऊपर उस आधिकारी के सिग्नेचर करा लो आप कारण एकत्र करो एक दिन ऐशा आऐगा वो अधिकारी ही बोलेगा ला तेरी फ़ाइल् आज काम कर ही देते हे और सिग्नेचर नहीं होता और आप को बता दे
इस कार्यक्रम का आयोजन जन अभियान परिषद् गुना के सानिध्य में किया गया था ,
इसी बीच पुरुस्कार वितरण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमे बहुत से संगठन ने हिस्सा लिया और मंत्री जी के हाथ से सम्मान प्राप्त किये गए
और जानकारी के लिएहमारा फॉर्म जरुर भरे
और हमारे साईट को
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thanks boss